________________
भगवती सूत्र-. २० उ. ५ परमाणु और म्कन्ध के वर्णादि
२८५७
देश लाल होते हैं । अथवा एक देश काला, अनेक देश नीला और एक देश लाल होता है । अथवा अनेक देश काला, एक देश नीला और एक देश लाल होता है । इस प्रकार एक त्रिक संयोग के चार भंग होते हैं। (२) इस प्रकार काला, नीला और पीला वर्ण के चार भंग । (३) काला, नीला और श्वेत वर्ण के चार भंग । (४) काला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग । (५) काला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग । अथवा (६) काला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग । (७) अथवा नीला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग । (८) अथवा नीला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग (९) अथवा नीला, पोला और श्वेत वर्ण के चार भंग। (१०) कदाचित् लाल, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग । इस प्रकार दस त्रिक संयोग होते है और एक-एक त्रिक संयोग में चार-चार भंग होते हैं। ये सब मिल कर ४० भंग होते हैं । जब वह चार वर्ण का होता है तो कदाचित् काला, नीला, लाल और पीला होता है । कदाचित् काला, नीला, लाल और श्वेत होता है। अथवा कदाचित् काला, नीला, पीला और श्वेत होता है । अथवा कदाचित् काला, लाल, पीला और श्वेत होता है । अथवा कदाचित् नीला, लाल, पीला और श्वेत होता है । इस प्रकार चतुःसंयोग के पांच भंग होते हैं। सब मिल कर वर्ण सम्बन्धी ९० भंग होते है।
जइ एगगंधे सिय सुन्भिगंधे १, सिय दुन्मिगंधे य २, जह दुगंधे +मुन्भिगंधे य +दुभिगंधे य ४ । रसा जहा वण्णा ।
भावार्थ-जब यह चतुःसंयोगी स्कन्ध एक गन्ध वाला होता है, तो कदाचित् सुरभिगन्ध और कदाचित् दुरभिगन्ध होता है । जब बह दो गम्ध
+ यहां मूल पाठ में दोनों स्थान पर लिय' शब-. भगनानवास बाली प्रति में है और सूरत वाली में भी है, परन्तु सुत्तागमै पाली में नहीं है । हमें सुतागमे बाका पाठ टीका लगा। होमो नम्ध जहाँ हो, वहाँ 'सिय' शब्द की आवश्यकता हो नहीं रहनी-होशी।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org