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________________ भगवती सूत्र-श. १० उ. १ जीव प्रथम है या अप्रथम ? २६४९ २ उत्तर-हे गौतम ! प्रथम है, अप्रथम नहीं। ३ प्रश्न-हे भगवन् ! समी जीव, जीवभाव की अपेक्षा प्रथम हैं या अप्रथम ? ३ उत्तर-हे गौतम ! प्रथम नहीं, अप्रथम है । इस प्रकार यावत् वैमानिक तक जानना चाहिये। ४ प्रश्न-हे भगवन् ! सभी सिद्ध जीव, सिद्धभाव की अपेक्षा प्रथम हैं या अप्रथम ? ४ उत्तर-हे गौतम वे प्रथम हैं, अप्रथम नहीं। ५ प्रश्न-आहारए णं भंते ! जीवे आहारभावेणं किं पढमे अपढमे ? ५ उत्तर-गोयमा ! णो पदमे, अपदमे । एवं जाव वेमाणिए, पोहत्तिए एवं चेव । ६ प्रश्न-अणाहारए णं भंते ! जीवे अणाहारभावेणं पुच्छा। ६ उत्तर-गोयमा ! सिय पढमे, सिय अपढमे । प्रश्न-णेरइए णं भंते ! उत्तर-एवं णेरइए, जाव वेमाणिए णो पढमे, अपढमे । सिद्धे पढमे णो अपढमे । . ७ प्रश्न-अणाहारगा णं भंते ! जीवा अणाहारभावेणं पुच्छा। “७ उत्तर-गोयमा ! पढमा वि अपढमा वि । णेरइया जाव वेमाणिया णो पढमा, अपढमा। सिद्धा पढमा, णो अपढमा । एक्केक्के पुच्छ भाणियव्वा । २। ८-भवसिद्धीए एगत्तपुहुत्तेणं जहा आहारए, एवं अभवसिद्धीए वि। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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