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________________ जीव प्रथम है या अप्रथम ? १ प्रश्न - तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासीजीवे णं भंते! जीवभावेणं किं पढमे अपढमे ? १ उत्तर - गोयमा ! णो पढमे, अपढमे । एवं रइए जाव माणिए । २ प्रश्न - सिदधे णं भंते! सिद्धभावेणं किं पढमे अपढमे ? २ उत्तर - गोयमा ! पढमे, णो अपढमे । ३ प्रश्न - जीवा णं भंते! जीवभावेणं किं पढमा अपदमा ? ३ उत्तर - गोयमा ! णो पढमा, अपढमा । एवं जाव वेमाणिया | १ | ४ प्रश्न - सिद्धा णं पुच्छा । ४ उत्तर - गोयमा ! पढमा, णो अपढमा । . शतक १५ उद्देशक १ भावार्थ - १ प्रश्न - उस काल उस समय में राजगृह नगर में गौतम स्वामी यावत् इस प्रकार पूछा - हे भगवन् ! जीव, जीवभाव से ( जीवत्व की अपेक्षा) प्रथम है या अप्रथम ? १ उत्तर - हे गौतम! जीव, जीवभाव की अपेक्षा प्रथम नहीं, अप्रथम है । इस प्रकार नैरयिक यावत् वैमानिक तक जानना चाहिये । २ प्रश्न - हे भगवन् ! सिद्ध जीव, सिद्धत्व की अपेक्षा प्रथम है या अप्रथम ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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