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________________ २८१६ भगवती सूत्र-श. १९ उ. ८ जीव-निवृत्ति आदि M mmmmmm १३ प्रश्न-कइविहा णं भंते ! वण्णणिवत्ती पण्णत्ता ? १३ उत्तर-गोयमा ! पंचविहा वण्णणिवत्ती पण्णत्ता, तं जहाकालावण्णणिवत्ती जाव सुकिल्लवण्णणिव्वत्ती, एवं गिरवसेसं जाव वेमाणियाणं । एवं गंधणिवत्ती दुविहा जाव वेमाणियाणं । रसणिव्वत्ती पंचविहा जाव वेमाणियाणं। फासणिवत्ती अट्टविहा जाव वेमाणियाणं। भावार्थ-१३ प्रश्न-हे भगवन् ! वर्ण निर्वृत्ति कितने प्रकार की कही गई है ? १३ उत्तर-हे गौतम ! वर्ण-निर्वृत्ति पांच प्रकार की कही गई है। यथा-कृष्णवर्ण निर्वृत्ति यावत शुक्लवर्ण-निर्वृत्ति । इस प्रकार सब यावत् वैमानिक पर्यन्त । इसी प्रकार दो प्रकार की गन्ध-निर्वत्ति, पांच प्रकार की रसनिर्वृत्ति और आठ प्रकार की स्पर्श-निर्वृत्ति यावत् वैमानिक पर्यन्त । १४ प्रश्न-कहविहा णं भंते ! संठाणणिवत्ती पण्णता ? १४ उत्तर-गोयमा ! विहा संठाणणिव्वत्ती पण्णत्ता, तं जहासमचउरंससंठाणणिवत्ती जाव हुंडसंठाणणिवत्ती। १५ प्रश्न-णेरइयाणं पुच्छा। १५ उत्तर-गोयमा ! एगा हुंडसंठाणणिव्वत्ती पण्णत्ता । १६ प्रश्न-अमुरकुमाराणं पुच्छ । १६ उत्तर-गोयमा ! एगा समचउरंससंठाणणिव्वत्ती पण्णत्ता, एवं जाव थणियकुमाराणं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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