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________________ २८१४ भगवती सूत्र-. १९ उ. ८ जीव-निवृत्ति आदि ९ प्रश्न-पुढविकाइयाणं पुच्छा। ९ उत्तर-गोयमा ! एगा फासिंदियणिवत्ती पण्णत्ता, एवं जस्स जइ इंदियाणि जोव वेमाणियाणं । भावार्थ-८ प्रश्न-हे भगवन् ! सर्वेन्द्रिय निर्वृत्ति कितने प्रकार को कही गई है ? ८ उत्तर-हे गौतम ! सर्वेन्द्रिय निर्वत्ति पांच प्रकार की कही गई है। यथा-श्रोत्रेन्द्रिय-निर्वृत्ति यावत् स्पर्शनेन्द्रिय निर्वृत्ति । इस प्रकार नरयिक यावत् स्तनितकुमार तक। ९ प्रश्न-हे भगवन् ! पृथ्वोकायिक जीवों के कितनी इन्द्रिय-निर्वत्ति कही गई है ? ९ उत्तर-हे गौतम ! एक स्पर्शनेन्द्रिय निर्वृत्ति कही गई है । इस प्रकार जिसके जितनी इन्द्रियां हों, उतनी इन्द्रिय निर्वत्ति कहनी चाहिये । इस प्रकार यावत् वैमानिक तक कहना चाहिये। १० प्रश्न-कइविहा णं भंते ! भासाणिवत्ती पण्णत्ता ? -- १० उत्तर-गोयमा ! चउन्विहा भासाणिव्वत्ती पण्णता, तं जहासच्चाभासाणिवत्ती, मोसमासाणिवत्ती, सचामोसमासाणिवत्ती, असच्चामोसमासाणिवत्ती । एवं एगिदियवजं जस्स जा भासा जाव वेमाणियाणं । __भावार्थ-१० प्रश्न-हे भगवन् ! भाषा-निर्वृत्ति कितने प्रकार को कही . १० उत्तर-हे गौतम ! भाषा-निवृत्ति चार प्रकार को कही गई है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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