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________________ भगवती सूत्र - श. १९ उ. ७ देवावाम रत्नमय हैं ६ प्रश्न - ते णं भंते ! किंमया पण्णत्ता ? ६ उत्तर - गोयमा ! सव्वालिहामया, अच्छा, सेसं तं चैव । भावार्थ - ५ प्रश्न - हे भगवन् ! ज्योतिषी देवों के कितने लाख विमान कहे गये हैं । ५ उत्तर - हे गौतम! असंख्य लाख विमान कहे गये हैं । ६ प्रश्न - हे भगवन् ! वे विमानावास किस वस्तु से बने हुए हैं ? ६ उत्तर - हे गौतम! वे विमानावास सर्व स्फटिक रत्नमय है और स्वच्छ हैं। शेष सब पूर्ववत् । ७ प्रश्न - सोहम्मे णं भंते! कप्पे केवइया विमाणावासस्य सहरसा पण्णत्ता ? ७ उत्तर - गोयमा ! बत्तीसं विमाणावासमयसहस्सा पण्णत्ता । ८ प्रश्न - ते णं भंते ! किंमया पण्णत्ता ? २८०९ ८ उत्तर - गोयमा ! सव्वरयणामया, अच्छा, सेसं तं चेव जाव अणुत्तरविमाणा, णवरं जाणेयव्वा जत्थ जत्तिया भवणा विमाणा वा । * सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति || गूणवीस मे सए सत्तमो उद्देसो समत्तो ॥ भावार्थ - ७ प्रश्न - हे भगवन् ! सौधर्मकल्प में कितने लाख विमानावास कहे गये हैं ? Jain Education International ७ उत्तर - हे गौतम! वहाँ बत्तीस लाख विमानावास कहे गये हैं । ८ प्रश्न - हे भगवन् ! वे विमानावास किमय हैं ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004091
Book TitleBhagvati Sutra Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages566
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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