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भगवती सूत्र-श. १६ उ. ६ भ. महावीर के दस महास्वप्न
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होती है । यथा-हाथी, वृषभ, सिंह यावत् अग्नि ।
१२ प्रश्न-हे भगवन् ! जब चक्रवर्ती का जीव गर्भ में आता है, तब चक्रवर्ती की माता कितने महास्वप्न देव कर जाग्रत होती है ?
१२ उत्तर-हे गौतम ! चक्रवर्ती को माता, तीर्थकर की माता के समान चौदह महास्वप्न देख कर जाग्रत होती है, यथा-हाथी यावत् अग्नि ।
१३ प्रश्न-हे भगवन् ! जब वासुदेव का जीव गर्भ में आता है, तब वासुदेव को माता कितने महास्वप्न देख कर जाग्रत होती है ?
१३ उत्तर-हे गौतम ! वासुदेव की माता इन चौदह महास्वप्नों में से कोई भी सात महास्वप्न देख कर जाग्रत होती है।
१४ प्रश्न-हे भगवन् ! जब बलदेव का जीव गर्भ में आता है, तब बलदेव की माता कितने स्वप्न देख कर जाग्रत होती है ?
१४ उत्तर-हे गौतम ! बलदेव की माता इन चौदह महास्वप्नों में से कोई भी चार महास्वप्न देख कर जाग्रत होती है।
__ १५ प्रश्न-हे भगवन् ! माण्डलिक राजा का जीव जब गर्भ में आता हैं, तब उनकी माता कितने महास्वप्न देख कर जाग्रत होती है ?
१५ उत्तर-हे गौतम ! चौदह महास्वप्नों में से किसी एक महास्वप्न को देख कर जाग्रत होती है ।
विवेचन-जब तीर्थकर अथवा चक्रवर्ती का जीव नरक से निकल कर आता है, तो उनकी माता 'भवन' देखती है और जब देवलोक से च्यव कर आता है, तो 'विमान' देखती है।
भ. महावीर के दस महास्वप्न
१६-समणे भगवं महावीरे छउमत्थकालियाए अंतिमराइयंसि
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