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भगवती सूत्र - १५ पानक-अपानक
लियं वा मामसंगलियं वा मिंवलिसंगलियं वा तरुणियं आमियं आससि आवलेइ वा पविलेड वा ण य पाणियं पियइ, सेत्तं सिंबलपाणए ।
२९ प्रश्न - से किं तं सुद्धपाणए ?
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२९ उत्तर - युद्धपाणए जे णं छमामे सुद्धखाइमं खाइ, दो मासे पुढविसंथारो गए, दो मासे कट्टसंथारोवगए, दो मासे दम्भसंथारोवगए, तस्स णं बहुपडिपुण्णाणं छण्हं मासाणं अंतिम राई मे दो देवा महटिया जाव महेसरखा अतियं पाउच्भवंति, तं जहा - पुण्णभ य माणिभद्दे य । तरणं ते देवा सीयलए हिं उल्लएहिं हत्थेहिं गायाई परामुसंति, जे णं ते देवे साइज्जइ, से णं आसीविसत्ताए कम्मं पकरेs, जेणं ते देवे णो साइज्जइ तस्स णं सयंसि सरीरगंसि अगणिकाए संभवइ, से णं सरणं तेएणं सरीरगं झामेइ, स० २ झामित्ता तओ पच्छा सिज्झइ, जाव अंतं करेइ, सेत्तं सुद्धपाणए ।
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कठिन शब्दार्थ - गोपुट्ठए - गाय की पीठ पर से गिरा हुआ, आमगं-अपक्व । भावार्थ -- २४ प्रश्न - पानी कितने प्रकार का कहा गया है ?
२४ उत्तर- पानी चार प्रकार का कहा गया है । यथा-गाय की पीठ से गिरा हुआ, हाथ से मसला हुआ, सूर्य के ताप से तपा हुआ और शिला से गिरा हुआ । यह चार प्रकार का पानी है ।
२५ प्रश्न - अपानक कितने प्रकार का है ?
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