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शतक १४ उद्देशक
पृथ्वियों और देवलोकों का अन्तर
१ प्रश्न - इमीसे गं भंते ! रयणप्पभाष पुढवीए सकरप्पभाए य पुढवीए केवइयं अवाहाए अंतरे पण्णत्ते ?
१ उत्तर - गोयमा ! असंखेजाई जोयणसहस्साइं अवाहाए अंतरे पण्णत्ते ।
२ प्रश्न - सकरप्पभाए णं भंते ! पुढवीए वालुयप्पभाए य पुढवीए केवइयं ० ?
२ उत्तर - एवं चैव, एवं जाव तमाए असत्तमाए य ।
३ प्रश्न - अहेसत्तमाए णं भंते! पुढवीए अलोगस्स य केवइयं अवाहाए अंतरे पण्णत्ते ?
३ उत्तर - गोयमा ! असंखेजाई जोयणसहस्साई अवाहाए अंतरे पण्णत्ते ।
कठिन शब्दार्थ - अबाहाए अंतरे - अबाधा (व्यवधान) से अन्तर ।
भावार्थ - १ प्रश्न - हे भगवन् ! इस रत्नप्रभा पृथ्वी और शर्कराप्रभा पृथ्वी का कितना अबाधा - अन्तर कहा गया है ?
१ उत्तर - हे गौतम ! असंख्य हजार योजन का अबाधा - अन्तर कहा
गया है ।
२ प्रश्न - हे भगवन् ! शर्कराप्रभा और वालुकाप्रभा पृथ्वी का कितना अबाधा - अन्तर कहा गया है ?
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