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क्रमांक
विषय
उद्देशक १
५३४ आघात से वायुकाय की उत्पत्ति २५०४
५३५ अग्निकाय की स्थिति
२५०५
५३६ त लोह को पकड़ने में कितनी
क्रिया
शतक १६
उद्देशक ६
५५१ स्वप्न की अवस्था और प्रकार.
५५० साधु भी स्वप्न देखते हैं ?
२५०६
५५३ स्वप्न के प्रकार
५३७ जीव और अधिकरण
२५०८
५५४ तीर्थंकरादि की माता के स्वप्न
५३८ शरीर, इन्द्रियाँ, योग और अधिकरण २५१२ ५५५ भ. महावीर के दस महास्वप्न
५५६ भगवान् के स्वप्न के फल ५५७ मोक्ष फल दायक स्वप्न
५५८ गन्ध के पुद्गल बहते हैं
उद्देशक- २
५३६ जरा शारीरिक और शोक मानसिक २५१७
५४० अवग्रह पांच प्रकार का
२५१९
५४९ देवेन्द्र की भाषा
२५२१
२५२४
५४२ शक्रेन्द्र भवसिद्धिक है ५४३ कर्म का कर्ता चैतन्य है
२५२४
उद्देशक ३
पृष्ठ क्रमांक
५४४ कर्म बन्ध
२५२६
५४५ अर्श छेदन में लगने वाली क्रिया २५२८
उद्देशक ४
५४६ नैरयिकों की निर्जरा की श्रमणों
से तुलना
उद्देशक ५
५४७ शकेन्द्र के प्रश्न और भगवान्
उत्तर
५४८ शकेन्द्र के आगमन का कारण ५४९ गंगदत्त देव के प्रश्न
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विषय
५५० गंगदत्त का पूर्व भव
२५३१
उद्देशक ७
५५९ उपयोग के भेद
५६५ अवधिज्ञान के प्रकार
उद्देशक ८
५६० लोक के अन्त में जीव का अस्तित्व २५७३ ५६१ परमाणु की एक समय में गति २५८२ ५६२ वर्षा का पता लगाने में पांच क्रिया २५८३ ५६३ अलोक में देव की भी गति नहीं २५८४
२५३७
२५४०
२५४३ | ५६६ द्वीपकुमारों की वक्तव्यता
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पृष्ठ
२५४६
उद्देशक ९
५६४ वैरोचनेन्द्र की सुधर्मा सभा कहाँ हैं २५८६
उद्देशक १०
२५५२
२५५५
२५५६.
२५५७
२५५९
२५६१
२५६५
५५७०
उद्देशक ११
२५७१
२५८८
२५८६
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