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________________ २२१८ भगवती मून-दा. १३ उ. ४ प्रदेशों की अवगाढ़ता धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? ३९ उत्तर-हे गौतम ! एक प्रदेश अवगाढ़ होता है । प्रश्न-अधर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-एक प्रदेश अवगाढ़ होता है। प्रश्न-आकाशास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-एक प्रदेश अवगाढ़ होता है। प्रश्न-जीवास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-अनन्त प्रदेश अवगाढ़ होते हैं । इसी प्रकार यावत् अद्धा-समय तक कहना चाहिए। ४० प्रश्न-हे भगवन् ! जहां एक धर्मास्तिकाय द्रव्य अवगाढ़ होता है, वहाँ धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? ४० उत्तर-हे गौतम ! वहां धर्मास्तिकाय का एक भी प्रदेश अवगाढ़ नहीं होता। प्रश्न-वहां अधर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-असंख्य प्रदेश अवगाढ़ होते हैं। प्रश्न-आकाशास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-असंख्य प्रदेश अवगाढ़ होते हैं। प्रश्न-जीवास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-अनन्त होते हैं। इसी प्रकार अद्धा-समय तक कहना चाहिए। ४१ प्रश्न-हे भगवन् ! जहाँ अधर्मास्तिकाय द्रव्य अवगाढ़ होता है, वहां धर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? ४१ उत्तर-हे गौतम ! असंख्य प्रदेश अवगाढ़ होते हैं। प्रश्न-अधर्मास्तिकाय के कितने प्रदेश अवगाढ़ होते हैं ? उत्तर-एक भी नहीं। शेष सभी धर्मास्तिकाय के समान कहना चाहिए। धर्मास्तिकायादि द्रव्यों के 'स्वस्थान' में एक भी प्रदेश नहीं होता और पर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004090
Book TitleBhagvati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages530
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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