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'भगवती सूत्र-श. ९ उ. ३१ सोंच्चा केवली
४३ उत्तर-हे गौतम ! वह चार कषाय में, तीन कषाय में, दो कषाय में, या एक कषाय में होता है। यदि चार कषायों में होता है, तो संज्वलन-क्रोध मान, माया और लोभ में होता है । यदि तीन कषायों में होता है, तो संज्वलन मान, माया और लोभ में होता है। यदि दो कषायों में होता है, तो संज्वलन माया और लोभ में होता है । यदि एक कषाय में होता है, तो एक संज्वलन लोभ में होता है ।
.. ४४ प्रश्न-तस्स णं भंते ! केवइया अज्झवसाणा पण्णत्ता ?
४४ उत्तर-गोयमा ! असंखेजा; एवं जहा असोचाए तहेव जाव केवलवरणाण-दसणे समुप्पज्जइ ।
४५ प्रश्न-से णं भंते ! केवलिपण्णत्तं धम्मं आघवेज वा, पण्णवेज वा, परूवेज वा ?
४५ उत्तर-हंता,आघवेज वा, पण्णवेज वा, परूवेज वा । .४६ प्रश्न-से णं भंते ! पवावेज्ज वा, मुंडावेज वा ? ४६ उत्तर-हंता, गोयमा ! पवावेज वा, मुंडावेज वा।
४७ प्रश्न-तस्स णं भंते ! सिरसा वि पव्वावेज्ज वा, मुंडा. वेज वा?
४७ उत्तर-हंता, पवावेज वा, मुंडावेज वा ।
४८ प्रश्न-तस्स णं भंते ! पसिस्सा. वि पव्वावेज वा, मुंडा. वेज वा?
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