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२०२० .
भगवती सूत्र-श. १२ उ. ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग
साहण्णंति, एगयओ साहणित्ता किं भवइ ?
१० उत्तर-गोयमा ! संखेजपएसिए बंधे भवइ । से भिज्जमाणे दुहाऽवि, जाव दसहाऽवि संखेनहाऽवि कजइ । दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवह; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ; एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवइ; एवं जाव अहवा एगयओ दसपएसिए खंधे, एगयओ संखेजपएसिए खंधे भवइ; अहवा दो मंखेजपएसिया खंधा भवति ।
____ भावार्थ-१० प्रश्न-हे भगवन् ! संख्यात परमाणु-पुद्गल एक साथ मिलने पर क्या बनता है ? .
१० उत्तर-हे गौतम ! वह संख्यात प्रदेशी स्कन्ध बनता है । यदि उसके विभाग किये जायें, तो दो तीन यावत् दस और संख्यात विभाग होते हैं। जब उसके दो विभाग किये जाते हैं, तो एक ओर एक परमाणु-पुद्गल और एक ओर संख्यात प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक संख्यात प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक संख्यात प्रदेशी स्कन्ध होता है। इस प्रकार यावत् एक ओर एक दस प्रदेशी स्कन्ध और एक ओर संख्यात प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा दो संख्यात प्रदेशी स्कन्ध होते हैं।
तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ संखेज्जपएसिए खंधे भवइ, अहवा गपओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ मरम्मपएसिए खंधे भवइं; अहवा एग.
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