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२०१८
भगवती सूत्र-श. १२ उ. ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग
भावार्थ-जब उसके छह विभाग किये जाते हैं, तो एक ओर पृथक-पृथक पाँच परमाणु-पुद्गल और एक ओर एक पञ्च प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् चार परमाणु-पुद्गल, एक ओर एक द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् चार परमाणुपुद्गल और एक ओर दो त्रिप्रदेशी स्कन्ध होते हैं, अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् तीन परमाणु-पुद्गल, एक ओर दो द्विप्रदेशी स्कन्ध और एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् दो परमाणु-पुद्गल और एक ओर चार द्विप्रदेशी स्कन्ध होते हैं ।
सत्तहा कन्जमाणे एगयओ छ परमाणुपोग्गला, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ पंच परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खधे भवइ, अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ तिण्णि दुपएसिया खंधा
भवंति।
भावार्थ-जब उसके सात विभाग किये जाते हैं, तो एक ओर पृथक्-पृथक छह परमाणु-पुद्गल और एक ओर एक चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक्-पृथक् पाँच परमाणु पुद्गल और एक ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध तथा एक ओर एक त्रिप्रदेशी स्कन्ध होता है, अथवा एक ओर पृथक-पृथक् चार परमाणुपुद्गल और एक ओर तीन द्विप्रदेशी स्कन्ध होता हैं।
अट्टहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए बंधे भवह; अहवा एगयओ छ परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवंति ।
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