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________________ २००२ भगवती सूत्र-श १२ उ. ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग जाने पर। भावार्थ-१ प्रश्न-राजगह नगर में यावत् गौतम स्वामी ने इस प्रकार पूछा-हे भगवन् ! दो परमाणु संयुक्त रूप में जब इकट्ठे होते हैं, तब उनका क्या होता है ? ... १ उत्तर-हे गौतम ! उनका द्विप्रदेशी स्कन्ध होता है । यदि उसके विभाग किये जाय तो उसके दो विभाग होते हैं-एक ओर एक परमाणु पुद्गल रहता है और दूसरी ओर भी एक परमाणु पुद्गल होता है। ___२ प्रश्न-हे भगवन् ! जब तीन परमाणु पुद्गल संयुक्त रूप में इकट्ठे होते हैं, तब उनका क्या होता है ? . २ उत्तर-हे गौतम ! उनका त्रिप्रदेशी स्कन्ध बनता है । यदि उसके विभाग किये जाय, तो दो या तीन विभाग होते हैं । यदि दो विभाग हों तो एक ओर एक परमाणु पुद्गल और दूसरी ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध रहता है । यदि तीन विभाग हों, तो तीन परमाणु पुद्गल पृथक्-पृथक् रहते हैं। ३ प्रश्न-हे भगवन् ! चार परमाणु पुद्गल जब इकट्ठे होते हैं, तब उनका क्या होता है ? ३ उत्तर-हे गौतम ! चतुष्प्रदेशी स्कन्ध होता है । यदि उसके विभाग किये जाय, तो दो, तीन या चार विभाग होते हैं। यदि दो विभाग हों, तो एक ओर एक परमाणु पुद्गल और दूसरी ओर त्रिप्रदेशी स्कन्ध रहता है । अथवा एक ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध और दूसरी ओर भी द्विप्रदेशी स्कन्ध रहता है । यदि तीन विभाग हों, तो एक ओर भिन्न-भिन्न दो परमाणु पुद्गल और दूसरी ओर द्विप्रदेशी स्कन्ध रहता है। चार विभाग होने पर पृथक्-पृथक् चार परमाणु पुद्गल रहते हैं। ४ प्रश्न-हे भगवन् ! पांच परमाणु पुद्गल जब संयुक्त रूप में इकट्ठे होते हैं, तब क्या होता है ? | ४ उत्तर-हे गौतम ! पंच प्रदेशी स्कन्ध होता है । यदि उसके विभाग किये जाय, तो दो, तीन, चार और पांच विमाग होते हैं। दो विभाग होने पर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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