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________________ २००० भगवती सूत्र-श. १२ उ. ४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग कूल गुणों के अनुसार जो नाम रखा जाता है, उसे गोत्र कहते हैं । मात नरकों के नाम क्रमशः इस प्रकार है-धम्मा, वंसा, सीला, अंजना, रिट्टा, मघा और माधवई । इन सातों के गोत्र इस प्रकार हैं-रत्नप्रभा. शर्कराप्रभा, बालुकाप्रभा, पंकप्रभा, धूमप्रभा, तमःप्रमा और तमस्तमःप्रभा, (महातमःप्रभा) इनका विस्तृत वर्णन जीवाभिगम सूत्र की तीसरी प्रतिपत्ति में है। ॥ बारहवें शतक का तीसरा उद्देशक सम्पूर्ण ।। शतक १२ उद्देशक४ परमाणु और स्कन्ध के विभाग १ प्रश्न-रायगिहे जाव एवं वयासी-दो भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवई ? १ उत्तर-गोयमा ! दुप्पएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहा कजइ, एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ परमाणुपोग्गले भवइ । २ प्रश्न-तिण्णि भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, साहणित्ता किं भवइ ? २ उत्तर-गोयमा ! तिपएसिए खंधे भवइ । से भिजमाणे दुहा वि तिहा वि कजइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे तिण्णि परमाणु. पोग्गला भवंति । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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