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भगवंती सूत्र - ११ ३ ११ महावल चरित्र
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पडिहारीओ अट्ट मालाकारीओ अट्ट पेसणकारीओ, अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवणं वा कंसं वा दूसं वा विउलधण - कणग० जाव संतसारसावएज्जं, अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं, पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं । तरणं से महव्बले कुमारे एगमेगाए भजाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयह, एगमेगं सुवणकोडिंदलयड़, एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयइ, एवं तं चैव सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारिं दलयइ, अण्णं वा सुबहुं हिरण्णं वा जाव परिभाएउं । तरणं से महव्वले कुमारे उपिं पासायवरगए जहा जमाली जाव विहरइ ।
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कठिन शब्दार्थ - मीसियाओ - आसन विशेष मज्जाए - भार्या को ।
भावार्थ- सोना, चाँदी और सोना-चांदी के आठ थाल, आठ थालियाँ, आठ स्थासक ( तसलियाँ), आठ मल्लक ( कटोरे ), आठ तलिका ( रकाबियाँ), आठ कलाचिका ( चम्मच ), आठ तापिकाहस्तक ( संडासियाँ), आठ तवे, आठ पादपीठ (पैर रखने के बाजोठ), आठ भीषिका ( आसन विशेष ), आठ करोटिका ( लोटा), आठ पलंग, आठ प्रतिशय्या ( छोटे पलंग ), आठ हंसासन, आठ
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चासन, आठ गरुडासन, आठ उन्नतासन, आठ अवनतासन, आठ दीर्घासन, आठ भद्रासन, आठ पक्षासन, आठ मकरासन, आठ पद्मासन, आठ दिवस्वस्तिकासन, आठ तेल के डिब्बे, इत्यादि सभी राजप्रश्नीय सूत्र के अनुसार जानना चाहिये, यावत् आठ सर्षप के डिब्बे, आठ कुब्जा दासियां इत्यादि सभी औपपातिक सूत्र के अनुसार जानना चाहिये, यावत् आठ पारस देश की दासियाँ, आठ छत्र, आठ छत्रधारिणी दासियां आठ चामर, आठ चामरधारिणी दासियाँ, आठ पंखे, आठ पंखाधारिणी दासियाँ, आठ करोटिका (ताम्बूल के करण्डिए) आठ करोटिका
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