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भगवती सूत्र-श. ११ उ. ८ नलिन के जीव
१ उत्तर-एवं चेव गिरवसेसं भाणियव्वं ।
ॐ से भंते ! सेवं भंते ! त्ति ®
॥ सत्तमो उद्देसो समत्तो ॥ ___ भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! एक पत्ते वाली कणिका (वनस्पति विशेष) एक जीव वाली है या अनेक जीव वाली ?
१ उत्तर-हे गौतम ! उत्पल उद्देशक के समान सभी वर्णन करना चाहिये।
हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है। हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है-ऐसा कहकर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं।
॥ ग्यारहवें शतक का सप्तम उद्देशक सम्पूर्ण ॥
शतक ११ उद्देशक ८ .
नलिन के जीव
१ प्रश्न-णलिणे णं भंते ! एगपत्तए कि एगजीवे, अणेगजीवे ? १ उत्तर-एवं चेव णिरवसेसं जाव 'अणंतखुत्तो' ।
* सेवं ! भंते ! सेवं भंते ! ति*
॥ अट्ठमो उद्देसो समत्तो ॥ भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! एक पत्ते वाला नलिन (कमल विशेष)
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