SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 298
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवती सूत्र--. ११६.१ उत्पल के जीव १८५३ १८ कृष्ण का एक, कापोत का एक, तेजो के बहुत । १६ कृष्ण का एक, कापोत के बहुत, तेजो का एक । २० कृष्ण का एक, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । २१ कृष्ण के बहुत, कापोत का एक, तेजो का एक । २२ कृष्ण के बहुत, कापोत का एक, तेजो के बहुत । २३ कृष्ण के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो का एक । २४ कृष्ण के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । २५ नील का एक, कापोत का एक, तेजो का एक । २६ नील का एक, कापोत का एक, तेजो के बहुत । २७ नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो का एक । २८ नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत। २९ नील के बहुत, कापोत का एक, तेजो का एक । ३० नील के बहुत, कापोत का एक, तेजो के बहुत । ३१ नील के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो का एक । ३२ नील के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । चतुःसंयोगी १६ भंग, कृष्ण का एक, नील का एक, कापोत का एक, तेजो का एक । २ कृष्ण का एक, नील का एक, कापोत का एक, तेजो के बहत । ३ कृष्ण का एक, नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो का एक । ४ कृष्ण का एक, नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । ५ कृष्ण का एक, नील के बहुत, कापोत का एक, तेजो का एक । ६ कृष्ण का एक, नील के बहुत, कापोत का एक, तेजो के बहुत । ७ कृष्ण का एक, नील के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो का एक । ८ कृष्ण का एक, नील के बहुत, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । ९ कृष्ण के बहुत, नील का एक, कापीत का एक, तेजो का एक । १० कृष्ण के बहुत, नील का एक, कापोत का एक, तेजो के बहुत । ११ कृष्ण के बहुत, नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो का एक । १२ कृष्ण के बहुत, नील का एक, कापोत के बहुत, तेजो के बहुत । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy