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भगवती सूत्र - १० उ. ५ व्यन्तरेन्द्रों का परिवार
१ पउमा २ परमावती ३ कणगा ४ रयणप्पभा । तत्थ णं एगमेगाए, सेसं जहा कालस्स । एवं महाभीमस्स वि ।
कठिन शब्दार्थ - पिसाइंदस्स - पिशाचेन्द्र का, भूइंदस्स - भूतेन्द्र का ।
भावार्थ - १५ प्रश्न - हे भगवन् ! पिशाचेन्द्र पिशाचराज काल के कितनी • अग्रमहिषियाँ कही गई हैं ?
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१५ उत्तर - हे आर्यो ! उसके चार अग्रमहिषियां कही गई हैं, यथाकमला, कमलप्रभा, उत्पला और सुदर्शना । इनमें से प्रत्येक देवी के एक एक हजार देवियों का परिवार है । शेष सब वर्णन चनरेन्द्र के लोकपालों के समान जानना चाहिए और परिवार भी उसी के समान जानना चाहिये । परन्तु विशेषता यह है कि इसके काला नाम की राजधानी और काल नाम का सिंहासन है । शेष सब वर्णन पहले के समान जानना चाहिये । इसी प्रकार महाकाल के विषय में भी जानना चाहिये ।
१६ प्रश्न - हे भगवन् ! भूतेन्द्र भूतराज सुरूप के कितनी अग्रमहिषियाँ कही गई है ?
१६ उत्तर - हे आर्यो ! चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं। यथा-रूपवती, बहुरूपा, सुरूपा और सुभगा । इन में प्रत्येक देवी के परिवार आदि का वर्णन कालेन्द्र के समान जानना चाहिये । इसी प्रकार प्रतिरूपेन्द्र के जानना चाहिये ।
विषय में भी
१७ प्रश्न - हे भगवन् ! यक्षेन्द्र यक्षराज पूर्णभद्र के कितनी अग्रमहिषियों कही गई हैं ?
१७ उत्तर - हे आर्यो ! चार अग्रमहिषियां कही हैं। यथा-पूर्णा, बहुपुत्रिका, उत्तमा और तारका । प्रत्येक देवी के परिवार आदि का वर्णन कालेन्द्र के समान जानना चाहिये । इसी प्रकार माणिभद्र के विषय में भी जानना चाहिये ।
१८ प्रश्न - हे भगवन् ! राक्षसेन्द्र राक्षसराज भीम के कितनी अग्र
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