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________________ भगवती मूत्र-ग. १० उ. ५ 'भूतानेन्द्र का परिवार १८२९ १२ उत्तर-हे आर्यो ! उसके चार अग्रमहिषियाँ कही गई हैं । यथाअशोक, विमला, सुप्रभा और सुदर्शना । इनमें से एक-एक देवी का परिवार आदि वर्णन चमर के लोकपाल के समान कहना चाहिए । इसी प्रकार शेष तीन लोकपालों के विषय में भी कहना चाहिए । १३ प्रश्न-हे भगवन् ! भूतानन्द के कितनी अग्रमहिषियाँ कही गई हैं ? १३ उत्तर-हे आर्यो ! उसके छह अग्रमहिषियां कही गई हैं। यथारूपा, रूपांशा, सुरूपा, रूपकावती, रूपकान्ता, रूपप्रभा । इनमें प्रत्येक देवी के परिवार आदि का वर्णन धरणेन्द्र के समान जानना चाहिए। १४ प्रश्न-हे भगवन् ! भूतानन्द के लोकपाल नागवित्त के कितनी अग्रमहिषियां कही गई हैं ? १४ उत्तर-हे आर्यो ! उसके चार अग्रमहिषियां कही गई हैं । यथा- , सुनन्दा, सुभद्रा, सुजाता, सुमना । इनमें प्रत्येक देवी के परिवार आदि का वर्णन चमरेन्द्र के लोकपाल के समान और इसी प्रकार शेष तीन लोकपालों के विषय में भी जानना चाहिये । दक्षिण दिशा के इन्द्रों का कथन धरणेन्द्र के समान और उनके लोकपालों का कथन धरणेन्द्र के लोकपालों की तरह जानना चाहिये। - उत्तर दिशा के इन्द्रों का कथन भूतानन्द के समान और उनके लोकपालों का कथन भतानन्द के लोकपालों के समान जानना चाहिये। परन्तु इतनी विशेषता है कि सब इन्द्रों की राजधानियों का और सिंहासनों का नाम इन्द्र के नाम के समान जानना चाहिये । उनके परिवार का वर्णन तीसरे शतक के पहले उद्देशक में कहे अनुसार जानना चाहिये । सभी लोकपालों की राजधानियों और सिंहासनों का नाम लोकपाल के नाम के अनुसार जानना चाहिये और उनके परिवार का वर्णन चमरेन्द्र के लोकपालों के परिवार के वर्णन के समान जानना चाहिये। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004089
Book TitleBhagvati Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages578
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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