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भगवती मूत्र-श. १० उ. ५ वलिन्द्र का परिवार
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सब पूर्ववत् जानना चाहिए, यावत् 'वे वहाँ मैथुननिमित्तक भोग भोगने में समर्थ नहीं है।'
बलीन्द्र का परिवार
८ प्रश्न-बलिस्स णं भंते ! वइरोयणिंदस्स पुच्छा ?
८ उत्तर-अजो ! पंच अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं जहा१. सुभा २ णिसुभा ३ रंभा ४. णिरंभा ५ मयणा । तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ-४०, सेसं जहा चमरस्स, णवरं बलिचंचाए रायहाणीए, परिवारो जहा मोउद्देसए सेसं तं चेव, जाव मेहुणवत्तियं ।
९ प्रश्न-बलिस्स णं भंते ! वइरोयणिंदस्स, बहरोयणरण्णो सोमस्स महारण्णो कइ अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ ?
९ उत्तर-अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ। तं जहा-१ मीणगा २ सुभद्दा ३ विजया ४ असणी। तत्थ णं एगमेगाए देवीए, सेसं जहा चमरसोमस्स एवं जाव वेसमणस्स ।
कठिन शब्दार्थ-मोउद्देसए-मोका नगरी के उद्देशक के अनुसार ।
भावार्थ-८ प्रश्न-हे भगवन् ! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि के कितनी अग्रमहिषियों कही गई हैं ?
८ उत्तर-हे आर्यो ! पांच अग्रमहिषियां कही गई हैं। यथा-सुभा, निसुम्भा, रम्भा, निरम्भा और मदना । इनमें प्रत्येक देवी के आठ-आठ हजार
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