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भगवती
सूत्र - श. ८ उ. ९ शरीर वंध
वर्ष तक रहता । इसी प्रकार सभी जीवों का सर्वबन्ध एक समय तक रहता है । देशबन्ध वैक्रिय शरीर वालों को छोड़कर जघन्य तीन समय कम क्षुल्लकभव तक और उत्कृष्ट जिन जीवों की जितनी आयुष्य स्थिति है, उसमें से एक समय कम तक रहता है। जिनके वैक्रिय शरीर है, उनके देशबन्ध जघन्य एक समय और उत्कृष्ट जिनका जितना आयुष्य है, उसमें से एक समय कम तक रहता है । इस प्रकार यावत् मनुष्यों में देशबन्ध जघन्य एक समय और उत्कृष्ट एक समय कम तीन पल्योपम तक जानना चाहिये ।
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३४ प्रश्न - ओरालियसरीरबंधंतरं णं भंते! कालओ केवच्चिरं होइ ?
३४ उत्तर - गोयमा ! सव्वबंधतरं जहण्णेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं, उनकोसे तेत्तीमं सागरोवमानं पुव्वकोडिसमयाहियाई; देसवन्धंतरं जहणेणं एक्कं समयं उक्कोमेणं तेत्तीसं सागरोवमाई तिसमयाहियाइं ।
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३५ प्रश्न - एगिंदियओरालियपुच्छ ।
३५ उत्तर - गोयमा ! सव्ववन्धंतरं जहण्णेणं खुड्डागभवग्गहणं तिसमयऊणं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं समयाहियाई, देसवन्धंतरं जहण्णेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं । ३६ प्रश्न - पुढविक्काइयएगिंदियपुच्छा |
३६ उत्तर - सव्वबंधतरं जहेब एगिंदियस्स तहेव भाणियव्वं,
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