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________________ भगवती सूत्र-श. ८ उ. ५ शरीर बन्ध १४८७ पंचिंदियओरालियसरीरप्पओगवंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? (उत्तर)गोयमा ! देसबंधे वि, सव्वबंधे वि । भावार्थ-२९ प्रश्न-हे भगवन् ! औदारिक-शरीर प्रयोगबंध क्या देशबंध है, या सर्वबंध है ? २९ उत्तर-हे गौतम ! देशबंध भी है और सर्वबन्ध भी है। - ३० प्रश्न-हे भगवन् ! एकेंद्रिय औदारिक शरीर प्रयोग-बन्ध क्या देशबन्ध है, या सर्वबन्ध है ? ३० उत्तर-हे गौतम ! देशबन्ध भी है और सर्वबन्ध भी है। इसी प्रकार यावत् (प्रश्न ) हे भगवन् ! मनुष्य पञ्चेंद्रिय औदारिक शरीर-प्रयोगबन्ध क्या देश-बन्ध है, या सर्वबन्ध है ? (उत्तर) हे गौतम ! देशबन्ध भी है और सर्वबन्ध भी है-यहां तक कहना चाहिये । ३१ प्रश्न-ओरालियसरीरप्पओगवन्धे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? _____३१ उत्तर-गोयमा ! सव्वबन्धे एक्कं समय, देसवन्धे जहण्णेणं एक्कं समयं, उकोसेणं तिण्णि पलिओवमाइं समयऊणाई। . ३२ प्रश्न-एगिंदियओरालियसरीरप्पओगवन्धे णं भंते ! कालओ केवच्चिरं होइ ? . ३२ उत्तर-गोयमा ! सव्ववन्धे एक्कं समयं, देसवन्धे जहण्णेषं एक्कं समयं, उक्कोसेणं बावीसं वाससहस्साइं समयऊणाई । ३३ प्रश्न-पुढविकाइयएगिंदियपुच्छा। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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