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________________ १४६६ भगवती सूत्र-श. ८ उ. ८ सूर्य और उसका प्रकाश कठिन शब्दार्थ-पुट्ठ-स्पर्श हुए, उज्जोवेंति-उद्योतित करता है, तवेंति-तपाता है, किरिया कन्जंति-क्रिया की जाती हैं। ४१ प्रश्न-हे भगवन् ! जम्बूद्वीप में दो सूर्य, स्पृष्ट क्षेत्र को प्रकाशित करते हैं, या अस्पृष्ट क्षेत्र को प्रकाशित करते हैं ? ४१ उत्तर-हे गौतम ! वे स्पृष्ट क्षेत्र को प्रकाशित करते हैं, अस्पृष्ट क्षेत्र को प्रकाशित नहीं करते, यावत् नियमा छह दिशाओं को प्रकाशित करते हैं। ४२ प्रश्न-हे भगवन् ! जम्बूद्वीप में दो सूर्य, अतीत क्षेत्र को उदयोतित करते हैं, इत्यादि प्रश्न । ४२ उत्तर-हे गीतम ! पूर्वोक्त प्रकार से जानना चाहिये । यावत् नियम से छह दिशा को उदयोतित करते हैं । इसी प्रकार ताते हैं । यावत् छह दिशा को नियम से शोभित करते हैं । . ___४३ प्रश्न-हे भगवन् ! जम्बूद्वीप में सूर्यों की क्रिया,, क्या अतीत क्षेत्र में की जाती हैं, वर्तमान क्षेत्र में की जाती है अथवा अनागत क्षेत्र में की जाती है ? ४३ उत्तर-हे गौतम ! अतीत क्षेत्र में क्रिया नहीं की जाती और न अनागत क्षेत्र में की जाती है, वर्तमान क्षेत्र में क्रिया की जाती है। .४४ प्रश्न-हे भगवन् ! वे सूर्य स्पृष्ट क्रिया करते हैं, या अस्पृष्ट ? ४४ उत्तर-हे गौतम ! वे स्पृष्ट क्रिया करते हैं, अस्पृष्ट क्रिया नहीं करते, यावत् नियम से छह दिशा में स्पष्ट क्रिया करते हैं। १५ प्रश्न-जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिया केवइयं खेतं उड्ढे तवंति, केवइयं खेतं अहे तवंति, केवइयं खेतं तिरियं तवंति ? ___४५ उत्तर-गोयमा ! एगं जोयणसयं उड्ढे तवंति; अहारस जोयणप्तयाई अहे तवंति, सीयालीसं जोयणसहस्साई दोणि तेवढे Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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