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भगवती सूत्र - श. ८ उ ८ ऐर्यापथिक और सांपरायिक बंध
बन्धिस्सइ ?
१३ उत्तर - गोयमा ! भवागरिसं पडुच्च अथेगइए बन्धी बन्धइ बन्धस्सह, अत्थेiइए बन्धी बन्धइ ण बन्धिस्सर, एवं तं चैव सव्वं जाव अत्थे णबन्धी ण बन्धइ ण बन्धिस्स । गहणा गरिसं पहुच अत्थेगइए बन्धी बन्धइ बन्धिस्सर, एवं जाव अत्थेगइए ण बन्धी बन्ध बन्धिस्स, णो चेव णं ण बन्धी बन्धइ ण बन्धिरसह, अत्थेगइए ण बन्धी ण बन्धइ बन्धिस्सह, अत्थेगइए ण बन्धी ण बन्धइ ण बन्धिस्स ।
१४ प्रश्न - तं भंते ! किं साइयं सपज्जवसियं बन्धइ, साइयं अपज्जवसियं बन्धइ, अणाइयं सपज्जवसियं बन्धइ, अणाइयं अपज - वसियं बन्धइ ?
१४ उत्तर - गोयमा ! साइयं सपज्जवसियं बन्धइ, णो साइयं अपज्जवसियं बन्धइ, णो अणाइयं सपज्जवसियं बन्धइ, णो अणाइयं अपजवसियं बन्ध ।
१५ प्रश्न- तं भंते ! किं देसेणं देतं बन्धड़, देसेणं सव्वं बन्धड़, सव्वेणं देतं बन्धइ, सव्वेणं सव्वं बन्धइ ?
१५ उत्तर - गोयमा ! णो देसेणं देसं वन्ध, णो देसेणं सव्वं बन्ध, णो सव्वेणं देतं बन्धइ, सव्वेणं सव्वं बन्ध ।
कठिन शब्दार्थ-बंधी - बाँधा, बंधिस्सइ - बाँधेगा, भवागरि - भवावर्ष ( अनेक भवों में), अत्येगइए- किसी एक ने, गहनागरिसं ग्रहणाकर्ष ( कर्म - दलिक का ग्रहण करना ),
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