________________
भगवनी मूकता . चे जीव देशों पर शस्त्रादि कार्ग
१३६८
इसके अतिरिक्त इस प्रकार के दूसरे दक्ष भी जान लेने चाहिये। इस प्रकार अनन्त जीव वाले वृक्षों का कथन किया गया ह OMETHIEFi
विन-विसमें संभातरजी वे सात महिलाले हैं। इसी तरह जिनमें असंख्यात जीव होते हैं 'असंख्यात. जीविक' वृक्ष और जिनमें अनन्त जीव पाये जाते हैं, वे 'अनन्त जीतिक वृक्ष कहलाते हैं। जिनमें एक बीज होता है, वे एकास्थिक फल कहलाते हैं और जिन में बहुत जीव पाये हैं, वेला अनेक स्था'-बड़ बीजक फल कहलाते हैं। इन वृक्ष और फल सम्बन्धी विस्तन कपन प्रज्ञापना सत्र के पहले पद में है । वहां इनके उदाहरण रूप नाम भी बतलाये गये हैं. : wिippers
जीव प्रदेशों पर शस्त्रादि की स्पर्श
पण
जतरा
ESSETTE
दा अन मैले कुम्मे कुम्मालिया, गोहा, गोहाबलिया, गोणा, गोणावलिया, मणुम्मे, मणुस्सावलिया, महिस, महिसावलियाएएसि णं हा वा तिहा वा संखेंजहां वा छिणाणे जे अतरा ते वि | तेहिं जीवपएसेहिं फुड्डा
काउचर-संना फुडhilm
प्रश्नपुरिमेय भत नीअरे हत्थे वा पाएंगधा, अगुलि. raun Soek FE IP 156 TELP Blk 18 fent for
me MEAN कालपणा आमसमाणं वा, संमुसमाणे वा, आलिहमाणे वा, विलिद्रमाणे वा अण्णासोमा वा तिखेणं सत्थजाएणं आदिमाणे वा, विछिंदमाणे याअगणि कारणं वा समोइहमाणे तेसिं जीवपाएमाणं किं
लगाए
।
TRENT
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org