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भगवती सूत्र--श. ८ उ. २ ज्ञान दर्शनादि लब्धि
८४ प्रश्न - हे भगवन् ! चारित्राचारित्र ( देशचारित्र) लब्धि वाले जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ?
८४ उत्तर- हे गौतम! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं। उनमें से कितने ही दो ज्ञान वाले हैं और कितने ही तीन ज्ञान वाले हैं। जो दो ज्ञान वाले हैं, वे afभfनबोधिकज्ञान और श्रुतज्ञान वाले हैं। जो तीन ज्ञान वाले हैं, वे आभिनिबोधिक ज्ञान, श्रुतज्ञान और अवधिज्ञानवाले हैं। चारित्राचारित्र (देशचारित्र ) लब्धि रहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं। दानलब्धि वाले जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाये जाते हैं ।
८५ प्रश्न - हे भगवन् ! दानलब्धि रहित जीव ज्ञानी हैं, या अज्ञानी ? ८५ उत्तर - हे गौतम ! वे ज्ञानी हैं, अज्ञानी नहीं। उनमें नियम से एक केवलज्ञान होता है। इस प्रकार यावत् वीर्यलब्धि वाले और वीर्यलब्धि रहित जीवों का कथन करना चाहिये । बालवीर्य-लब्धि वाले जीवों में तीन ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाये जाते हैं । बालवीर्यलब्धि रहित जीवों में पांच ज्ञान भजना से पाये जाते हैं। पण्डितवीर्यलब्धि वाले जीवों में पांच ज्ञान भजना से होते हैं। पण्डितवीर्यलब्धि रहित जीवों में मन:पर्ययज्ञान के सिवाय चार ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से होते हैं । बालपण्डितवीर्यलब्धि वाले जीवों में तीन ज्ञान भजना से होते हैं और बालपण्डितवीर्यलब्धि रहित जीवों में पांच ज्ञान और तीन अज्ञान भजना से पाये जाते हैं ।
८६ प्रश्न - इंदियलद्धिया णं भंते! जीवा किं णाणी, अण्णाणी ? ८६ उत्तर - गोयमा ! चत्तारि णाणाई, तिष्णि य अण्णाणाई भयणाए ।
८७ प्रश्न- तस्स अलद्वीयाणं पुच्छा ।
८७ उत्तर - गोयमा ! गाणी, णो अण्णाणी । णियमा एग
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