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________________ १२७६ भगवती सूत्र - श. ८ उ. १ दो द्रव्यों के परिणाम तोले रसपने परिणत होता है, अथवा यावत् मीठे रसपने परिणत होता है ? ५५ उत्तर-हे गौतम ! वह तीखे रसपने परिणत होता है, अथवा यावत् मीठे रसपने परिणत होता है। ____ ५६ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि एक द्रव्य स्पर्श परिणत होता है, तो क्या कर्कश-स्पर्शपने परिणत होता है, अथवा यावत् रुक्ष-स्पर्शपने परिणत होता है ? ५६ उत्तर-हे गौतम ! वह कर्कश-स्पर्शपने परिणत होता है, अथवा यावत् रुक्षस्-पर्शपने परिणत होता है। ५७ प्रश्न-हे भगवन् ! यदि एक द्रव्य संस्थान-परिणत होता है, तो क्या परिमण्डल संस्थानपने परिणत होता है, अथवा यावत् आयत संस्थानपने परिणत होता है ? .. ५७ उत्तर-हे गौतम ! वह परिमण्डल संस्थानपने परिणत होता है, अथवा यावत् आयत संस्थानपने परिणत होता है । दो द्रव्यों के परिणाम ५८ प्रश्न-दो भंते ! दव्या किं पओगपरिणया, मीसापरिणया, वीससापरिणया ? ५८ उत्तर-गोयमा ! पओगपरिणया वा, मीसापरिणया वा, वीससापरिणया वा; अहवा एगे पओगपरिणए एगे मीसापरिणए; अहवा एगे पओगपरिणए एगे वीससापरिणए; अहवा एगे मीसापरिणए एगे वीससापरिणए एवं (६)। ५९ प्रश्न-जइ पओगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया, वहप्पयोगपरिणया, कायप्पयोगपरिणया ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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