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________________ १२३८ भगवती सूत्र-श. ८ उ. १ पुद्गलों का प्रयोग-परिणतादि स्वरूप मनुष्य पंचेन्द्रिय प्रयोग-परिणत पुद्गल और गर्भज-मनुष्य पंचेन्द्रिय प्रयोग-परिणत पुद्गल । १४ प्रश्न-देवपंचिंदियपओग० पुच्छा । १४ उत्तर-गोयमा ! चरविहा पण्णत्ता, तं जहा-भवणवासि- . देवपंचिंदियपओग०, एवं जाव वेमाणिया। .. . १५ प्रश्न-भवणवासिदेवपंचिंदिय० पुच्छा। १५ उत्तर-गोयमा ! दसविहा पण्णत्ता, तं जहा-असुरकुमार०, जाव थणियकुमार० । एवं एएणं अभिलावेणं अट्ठविहा वाणमंतरा, पिसाया जाव गंधव्वा । जोइसिया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहाचंदविमाणजोइसिया, जाव ताराविमाणजोइसिया देवा । वेमाणिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-कप्पोरग० कप्पाईयगवेमाणिया । कप्पोवगा दुवालसविहा पण्णत्ता, तं जहा-सोहम्मकप्पोवग० जाव अच्चुयकप्पोवगवेमाणिया । कप्पाईयग० दुविहा पण्णत्ता, तं जहा-गेवेजगकप्पाईयग० अणुत्तरोववाईयकप्पायग० । गेवेजकप्पाईयग० णवविहा पण्णत्ता, तं जहा-हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेजगकप्पाईयग०, जाव उपरिमउवरिमगेवेजगकप्पाईयग। १६ प्रश्न-अणुत्तरोक्वाइयकप्पाईयगवेमाणियदेवपंचिंदियपयोगपरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? १६ उत्तर-गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-विजयअणु Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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