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णमोत्युणं समणस्स भगवओ महावीरस्स गणधर भगवत्सुधर्मस्वामि प्रणीत
भगवती सूत्र
शतक ७
उद्देशक १. १-१ आहार २ विरइ ३ थावर ४ जीवा ५ पक्खी व
६ आउ ७ अणगारे । ८ छउमत्थ ९ असंवुड १० अण्ण
उत्थि दस सत्तमम्मि सए । कठिन शब्दार्थ-असंवुड - असंवृत्त ।
भावार्थ-१ आहार, २ विरति, ३ स्थावर, ४ जीव, ५ पक्षी, ६ आयुष्य, ७ अनगार, ८ छद्मस्थ, ९ असंवृत और १० अन्य-तीथिक । सातवें शतक में ये दस उद्देशक हैं।
- विवेचन-इस सातवें शतक में दस उद्देशक हैं। उनमें से पहले उद्देशक में आहारक और अनाहारक सम्बन्धी वर्णन है। दूसरे उद्देशक में विरति अर्थात प्रत्याख्यान सम्बन्धी वर्णन है। तीसरे उद्देशक में वनस्पति आदि स्थावर जीवों का वर्णन है । चौथे उद्देशक में संसारी जीवों का वर्णन है। पांचवें उद्देशक में खेचर जीवों का वर्णन है । छठे उद्देशक में आयुष्य सम्बन्धी, सातवें उद्देशक में साधु आदि सम्बन्धी, आठवें उद्देशक में छद्मस्थ मनुष्यादि सम्बन्धी, नव उद्देशक में असंवृत अर्थात् प्रमत्त-साधु आदि सम्बन्धी और दसवें उद्देशक में कालोदायी आदि अन्यतीर्थिक सम्बन्धी वर्णन है ।
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