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________________ क्रमांक विषय २७७ अकाम वेदना का वेदन उद्देशक ८ . २७८ छद्मस्थ सिद्ध नहीं होता २७९ पाप दुःखदायक २८० अप्रत्याख्यानिकी क्रिया आदि २८१ आधाकर्म का फल उद्देशक ९ २८२ असंवृत अनगार उद्देशक १ २८९ पुद्गलों का प्रयोग- परिणतादि स्वरूप २९० मिश्र परिणत पुद्गल विषयक नौ दंडक २१ विस्रसा परिणत पुद्गल २९२ एक द्रव्य परिणाम २९३ दो द्रव्यों के परिणाम २९४ तीन द्रव्यों के परिणाम २९५ चार आदि द्रव्यों के परिणाम २९६ परिणामों का अल्प बहुत्व - उद्देशक २ २९७ आशीविष २९८ छद्मस्थ द्वारा अज्ञेय २९९ ज्ञान के भेद ३०० ज्ञानी अज्ञानी Jain Education International (:) पृष्ठ ११७८ ११८२ ११८३ ११८६ ११८७ ११८८ १२३२ क्रमांक विषय २८३ महाशीला-कंटक संग्राम २८४ रथ- मूसल संग्राम शतक ८ १२५४ १२५५ १२५६ १२७६ १२८१ १२८४ १२८७ उद्देशक १० २८५ कालोदायी की की तत्त्वचर्चा और प्रव्रज्या २८६ पाप और पुण्य कर्म और फल २८७ अग्नि के जलाने बुझाने की क्रिया २८८ अचित्त पुद्गलों का प्रकाश ३०१ ज्ञान अज्ञान की भजना के बीस द्वार १३०७ ३०२ ज्ञान - दर्शनादि लब्धि १३२० ३०३ योग उपयोगादि में ज्ञान अज्ञान १३४४ ३०४ ज्ञान की व्यापकता ( विषय द्वार ) १३५१ ३०५ ज्ञानादि का काल १३५७ ३०६. ज्ञान-अज्ञान के पर्याय १३५९ उद्देशक ३ ३०७ वृक्ष के भेद ३०८ जीव प्रदेशों पर शस्त्रादि का स्पर्धा ३०६ आठ पृथ्वियों का उल्लेख उद्देशक ४ १२८८ १२९६ १२९८ १३०४ ३११ भावक के भाण्ड ३१० पांच क्रिया For Personal & Private Use Only पृष्ठ ११९० ११९९ उद्देशक ५ १२१४ १२२१ १२२५ १२२८ १३६७ १३६९ १३७१ १३.७३ १३७४ www.jainelibrary.org
SR No.004088
Book TitleBhagvati Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages506
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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