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________________ भगवती सूत्र-श. ३ उ. १ शकेन्द्र और ईशानेन्द्र के विमानों की ऊँचाई .५९५ ___भावार्थ-१९ प्रश्न-हे भगवन् ! देवेन्द्र देवराज ईशान की स्थिति कितने काल की कही गई है ? १९ उत्तर-हे गौतम ! देवेन्द्र देवराज ईशान की स्थिति दो सागरोपम से कुछ अधिक की कही गई है। __ २० प्रश्न-ईसाणे णं भंते ! देविंदे देवराया ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं, जाव-कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववजिहिइ ? ___२० उत्तर-गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ, जाव-अंतं काहिइ। . कठिन शब्दार्थ-उववज्जिहिइ-उत्पन्न होंगे, सिमिहिइ-सिद्ध होंगे। ___ भावार्थ-२० प्रश्न-हे भगवन् ! देवेन्द्र देवराज ईशान, उस देवलोक की आयु पूर्ण होने पर यावत् कहाँ जाएगा और कहाँ उत्पन्न होगा? २० उत्तर-हे गौतम ! वह महाविदेह क्षेत्र में जन्म लेकर सिद्ध होगा यावत् समस्त दुःखों का अन्त करेगा। शकेन्द्र और ईशानेन्द्र के विमानों की ऊँचाई २१ प्रश्न-सक्कस्स णं भंते ! देविंदस्स देवराणो विमाणेहितो ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो विमाणा ईसि उच्चयरा चेव, ईसिं उण्णयतरा चेव, ईसाणस्स वा देविंदस्स, देवरण्णो विमाणेहितो सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो विमाणा ईसिं णीययरा चेव, ईसिं णिण्णयरा चेव ? Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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