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________________ भगवती सूत्र -- श. ५ उ ८ निर्ग्रथी पुत्र अनगार के प्रश्न तरह नवग्रैवेयक के विषय में जान लेना चाहिए। विजय, वैजयन्त, जयन्त और अपराजित देवों का अवस्थान काल असंख्य हजार वर्षों का है । सर्वार्थसिद्ध विमानवासी देवों का अवस्थान काल पल्योपम के संख्यातवें भाग है । तात्पर्य यह है कि जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्य भाग तक ये बढ़ते हैं। और घटते हैं तथा इनका अवस्थान काल तो ऊपर बतला दिया गया हैं । १० प्रश्न - सिद्धा णं भंते ! केवइयं कालं वदंति ? १० उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं उक्कोसेणं अट्ट समया । ११ प्रश्न - केवइयं कालं अवट्टिया ? ११ उत्तर - गोयमा ! जहणेणं एक्कं समयं, उक्को सेणं छम्मासा | ९०७ भावार्थ - १० प्रश्न - हे भगवन् ! सिद्ध भगवान् कितने समय तक बढ़ते हैं ? १० उत्तर - हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट आठ समय तक सिद्ध भगवान् बढ़ते हैं । ११ प्रश्न - हे भगवन् ! सिद्ध भगवान् कितने काल तक अवस्थित रहते हैं ? ११ उत्तर - हे गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट छह मास तक सिद्ध भगवान् अवस्थित रहते हैं । Jain Education International १२ प्रश्न - जीवा णं भंते! किं सोवचया, सावचया, सोवचयसावचया, निस्वचय-निरवचया ? For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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