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________________ भगवती सूत्र - श. ५ उ. २ ओदन आदि के शरीर उबले-पत्थर का कोयला, कसट्टिया - कमट्टिका - लोहे का काट * । भावार्थ - १६ प्रश्न हे भगवन् ! लोह, तांबा, त्रपुष्- कलई, सीसा, उपल ( कोयला ) और कसट्टिका ( लोह का काट - मैल), ये सब द्रव्य किन जीवों के शरीर कहलाते हैं ? १६ उत्तर - हे गौतम! लोह, तांबा, कलई, सीसा, कोयला और काट, ये सब पूर्व-भाव- प्रज्ञापना की अपेक्षा पृथ्वीकाय जीवों के शरीर कहलाते हैं और पीछे शस्त्रातीत यावत् शस्त्र-परिणामित होने पर अग्नि जीवों के शरीर कहलाते हैं । ७८३ १७ प्रश्न - अह णं भंते ! अट्टी, अट्टिज्झामे, चम्मे, चम्मज्झामे, रोमे, रोमज्झामे, सिंगे, सिंगज्झामे, खुरे, खुरज्झामे, णहे, णहझा - ए किंमराइ वत्तव्वं सिया ? १७ उत्तर--गोयमा ! अट्ठी, चम्मे, रोमे, सिंगे, खुरे, गहे - एए णं तसप्राणजीवसरीरा । अट्टिज्झामे, चम्मज्झामे, रोमज्झामे, सिंग खुर-हज्झामे - एए णं पुव्वभावपण्णवणं पडुच्च तसपाणजीवसरीरा; तओ पच्छा सत्थाईया, जाव - अगणि त्ति वत्तव्वं सिया । कठिन शब्दार्थ - अट्ठि - हड्डी । Jain Education International भावार्थ - १७ प्रश्नन-हे भगवन् ! हड्डी, अग्नि द्वारा ज्वलित हड्डी, चमड़ा, अग्नि ज्वलित चमड़ा, रोम, अग्नि ज्वलित रोम, सींग, अग्नि ज्वलित सोंग, खुर, अग्नि ज्वलित खुर, नख, अग्नि ज्वलित नख, ये सब किन जीवों के शरीर कहलाते हैं ? १७ उत्तर - हे गौतम! हड्डी, चर्म, रोम, सींग, खुर और नख, • कसट्टिका का अर्थ 'कषपट्टिका' अर्थात् 'कसौटी' भी किया है। For Personal & Private Use Only ये सब www.jainelibrary.org
SR No.004087
Book TitleBhagvati Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages560
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size10 MB
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