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भगवती सूत्र - ५ उ. १ वर्षा का प्रथम समय
ऋतु का प्रथम समय होता है, तब उत्तरार्द्ध में भी वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है और जब उत्तरार्द्ध में वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है, तब जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व पश्चिम में वर्षा ऋतु का प्रथम समय अनन्तरपुरस्कृत समय में होता है अर्थात् जिस समय दक्षिणार्द्ध में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है, उसी समय के पश्चात् तुरन्त दूसरे समय में मेरु पर्वत से पूर्व पश्चिम में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है ?
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१० उत्तर - हाँ, गौतम ! इसी तरह होता है अर्थात् जब जम्बूद्वीप के दक्षिणार्द्ध में वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है, तब उसी तरह यावत् होता है ।
११ प्रश्न - हे भगवन् ! जब जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के पूर्व में वर्षाऋतु का प्रथम समय होता है, तब पश्चिम में भी वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है और जब पश्चिम में वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है, तब यावत् मेरु पर्वत के उत्तरदक्षिण में वर्षा ऋतु का प्रथम समय अनन्त रपश्चात्कृत समय में होता है अर्थात् मेरु पर्वत से पश्चिम में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होने के एक समय पहले मेरु पर्वत से उत्तर दक्षिण में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है ?
११ उत्तर - हाँ, गौतम ! इसी तरह होता है, अर्थात् जब जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पूर्व में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है, उससे पहले एक समय में उत्तर दक्षिण में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होती है। इस तरह यावत् सारा कथन कहना चाहिए ।
जिस प्रकार वर्षा ऋतु के प्रथम समय के विषय में कहा गया है, उसी तरह वर्षा ऋतु के प्रारम्भ की प्रथम आवलिका के विषय में भी कहना चाहिए । इसी तरह आनपान, स्तोक, लव, मुहुर्त्त, अहोरात्र, पक्ष, मास, ऋतु इन सब के सम्बन्ध में भी समय की तरह कहना चाहिए ।
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विवेचन - पहले के प्रकरण में काल के सम्बन्ध में कथन किया गया है। ऋतु भी एक प्रकार का काल है । इसलिए अब ऋतु के सम्बन्ध में कहा जाता है
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