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भगवती सूत्र - श. ३ उ. १० इन्द्र की परिषद्
होता है । इनमें इन्द्र नहीं होता । वे सब अहमिन्द्र ( स्वयं ही इन्द्र ) होते हैं । इत्यादि वर्णन जीवाभिगम सूत्र में हैं ।
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॥ इति तीसरे शतक का दसवां उद्देशक समाप्त ॥
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* तीसरा शतक समाप्त
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