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भगवती सूत्र - ३ उ १० इन्द्र की परिषद्
ईशानेन्द्र की तीनों परिषदाओं में क्रमशः दस हजार, बारह हजार और चौदह हजार देव हैं । इनकी स्थिति क्रमशः सात पल्योपम, छह पत्योपम और पांच पल्योपम हैं । देवियाँ, क्रमशः नव सौ आठ सौ और सात सौ हैं। इनकी स्थिति क्रमशः पांच पत्योपम, चार पल्योपम और तीन पत्योपम हैं । सनत्कुमारेन्द्र की तीनों परिषदा में क्रमशः ८ हजार १० हजार और १२ हजार देव हैं । इनकी स्थिति क्रमशः साढ़े चार सागर और पांच पल्योपम, साढे चार सागर और चार पत्योपम तथा साढ़े चार सागर और तीन पल्योपम है । महेन्द्र इन्द्र की तीन परिषदा में क्रमश: छह हजार, आठ हजार और दस हजार देव हैं । इनकी स्थिति क्रमशः साढ़े चार सागर सात पल्योपम, साढे चार सागर छह पल्योपम और साढ़े चार सागर पांच पत्योपम हैं । ब्रह्म इन्द्र की तीनों परिषदाओं में क्रमशः चार हजार छह हजार और आठ हजार देव हैं। इनकी स्थिति क्रमशः ८।। सागर ५ पल्योपम, ८|| सागर ४ पल्योपम और ८|| सागर ३ पल्योपम हैं । लान्तक इन्द्र की तीनों परिषदाओं में क्रमशः दो हजार, चार हजार और छह हजार देव हैं । इनकी स्थिति क्रमशः १२ सागर ७ पल्योपम, १२ सागर ६ पल्योपम और १२ सागर ५ पल्योपम है । महाशुक इन्द्र की तीनों परिपदाओं में क्रमशः एक हजार दो हजार और चार हजार देव हैं। इनकी स्थिति १५ । । सागर ५ पल्योपम, १५।। सागर ४ पल्योपम और १५ ।। सागर ३ पल्योपम है । सहस्रार इन्द्र की तीनों परिषदाओं में क्रमशः पाँच सौ, एक हजार और दो हजार देव हैं । इनकी स्थिति १७।। सागर ७ पल्योपम, १७ ।। सागर ६ पल्योपम और १७ । । सागर ५ पल्योपम है । नवव आणत देवलोक और दसवाँ प्राणत देवलोक, इन दोनों देवलोकों का एक ही इन्द्र है । प्राणतेन्द्र की तीनों परिषदाओं में क्रमशः ढाई सो, पाँच सौ और एक हजार देव हैं । इनकी स्थिति क्रमशः १९ सागर ५ पल्योपम १९ सागर ४ पल्योपम और १९ सागर ३ पल्योपम है । ग्यारहवां आरण देवलोक और बारहवां अच्युत देवलोक इन दोनों देवलोकों का एक ही इन्द्र-अच्युतेन्द्र है । इसकी तीनों परिषदाओं में क्रमश: एक सौ पच्चीस, दो सौ पचास और पांच सौ देव हैं । इनकी स्थिति २१ सागर ७ पल्योपम, २१ सागर ६ पल्योम और २१ सागर ५ पत्योपमं है ।
नव ग्रैवेयक और पांच अनुत्तर विमानों में परिषदाएँ नहीं होती हैं । वे सब देव समान ऋद्धिवाले होते हैं । उनमें छोटे बड़े का भाव और स्वामी सेवक का विचार नहीं
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+ दूसरे देवलोक से आगे देवियाँ नहीं होती । इसलिये दूसरे देवलोक से आगे देवियों की संख्या और स्थिति नहीं बतलाई गई ।
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