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भगवती सूत्र-श. ३ उ. ९ इन्द्रियों के विषय
विषय में दक्षिण के इन्द्र की अपेक्षा उत्तर के इन्द्र सम्बन्धी लोकपालों में तीसरे और चौथे के नाम विपरीत क्रम से कहने चाहिए । इन प्रत्येक देवलोकों में ये सोम आदि नाम ही कहने चाहिए, किन्तु भवन पतियों के इन्द्रों के लोकपालों के समान दूसरे दूसरे नाम नहीं कहने चाहिए । सौधर्म आदि बारह देवलोकों में शक्र आदि दस इन्द्र हैं, क्योंकि नववें दसवें देवलोक में एक इन्द्र है और ग्यारहवें बारहवें देवलोक में एक इन्द्र है । इस प्रकार बारह देवलोकों में दस इन्द्र है।
॥ इति तीसरे शतक का आठवां उद्देशक समाप्त ॥
शतक ३ उद्देशक
इन्द्रियों के विषय
१ प्रश्न-रायगिहे जाव एवं वयासी कइविहे णं भंते ! इंदियविसए पण्णते ? - १ उत्तर-गोयमा ! पंचविहे इंदियविसए पण्णत्ते, तं जहासोइंदियविसए जाव जीवाभिगमे जोइसिय उद्देसओ णेयव्वो अपरिसेसो।
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