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भगवती सूत्र-श. ३ उ. ६. सम्यग्दृष्टि अनगार की विकुर्वणा
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जानता और देखता है।
सम्यग्दृष्टि अनगार को विकुर्वणा
- ८ प्रश्न-अणगारे णं भंते ! भावियप्पा अनाई सम्मदिट्ठी वीरियलद्धीए, वेउब्वियलद्धीए, ओहिणाणलद्धीए रायगिहं णयरं समोहए, समोहणित्ता वाणारसीए णयरीए रूवाइं जाणइ पासइ ?
८ उत्तर-हंता, जाणइ पासइ।।
९ प्रश्न-से भंते ! किं तहाभावं जाणइ पासइ; अण्णहामावं जाणइ पासइ ?
९ उत्तर-गोयमा ! तहाभावं जाणइ पासह; णो अण्णहाभावं जाणइ पासइ।
१० प्रश्न-से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ ?
१० उत्तर-गोयमा ! तस्स णं एवं भवइ-एवं खलु अहं सयगिहे णयरे समोहए, समोहणित्ता वाणारसीए गयरीए रूवाई जाणामि पासामि; से से दसणे अविवच्चासे भवइ, से तेणटेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ । पीओ आलावगो एवं चेव । णवरं-वाणारसीए णयरीए समोहणा णेयव्वा रायगिहे णयरे रूवाई जाणा, पासइ।
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