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________________ भावती सूत्र-श. १ उ. ९ अन्य मत और आयुष्य का बंध ३४३ करता है, उस समय परभव का आयुष्य करता है और जिस समय परभव का आयुष्य करता है उस समय इस भव का आयुष्य करता है । इस भव का आयुष्य करने से परभव का आयष्य करता है और परभव का आयुष्य करने से इस भव का आयुष्य करता है । इस प्रकार एक जीव एक समय में दो आयुष्य करता है-इस भव का आयुष्य और परभव का आयुष्य । हे भगवन् ! क्या यह इसी प्रकार है ? २९५ उत्तर-हे गौतम ! अन्य तीथिक जो इस प्रकार कहते हैं यावत् इस भव का आयुष्य और परभव का आयुष्य । उन्होंने जो ऐसा कहा है.वह मिथ्या कहा है। हे गौतम ! मैं इस प्रकार कहता हूँ यावत् प्ररूपणा करता हूँ कि एक जीव एक समय में एक आयुष्य करता है और वह इस भव का आयुष्य करता है अथवा परभव का आयुष्य करता है। जिस समय इस भव का आयुष्य करता है, उस समय परभव का आयुष्य नहीं करता है और जिस समय परभव का आयुष्य करता है उस समय इस भव का आयष्य नहीं करता। इस भव का आयुष्य करने से परभव का आयुष्य नहीं करता और परभव का आयुष्य करने से इस भव का आयुष्य नहीं करता । इस प्रकार एक जीव, एक समय में एक आयुष्य करता है-इस भव का आयुष्य, अथवा परभव का आयुष्य । . हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । ऐसा कह कर भगवान् गौतम स्वामी यावत् विचरते है। विवेचन-कांक्षाप्रदोष वाले को वस्तु में विपरीतता मालूम होती है । वे विपरीत बात की प्ररूपणा करते हैं । इसी बात को बतलाने के लिए गौतम स्वामी ने पूछा है किहे भगवन् ! अन्ययूथिक यह बात कहते हैं. यावत् प्ररूपणा करते हैं कि-एक जीव, एक समय में दो आयुष्य करता है । इस भव का आयुष्य भी करता है और परभव का आयुष्य भी करता है । जिस समय इस भव का आयुष्य बांधता है, उसी समय पर भव का आयुष्य भी बांधता है। और जिस समय परभव का आयुष्य बांधता है, उसी समय इस भव का आयुष्य भी बांधता है । परभव का आयुष्य बांधता हुआ इस भव का आयुष्य बांधता है और इस भव का आयुष्य बांधता हुआ परभव का आयुष्य भी बांधता है । हे भगवन् ! क्या अन्य Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004086
Book TitleBhagvati Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhevarchand Banthiya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2008
Total Pages552
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size9 MB
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