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भगबती सूत्र - श. १ उ. ५ स्थिति स्थान
एक, १८. क्रोधी एक, मायी एक, लोभी बहुत, १९. क्रोधी एक, मायी बहुत, लोभी एक, २०. क्रोधी एक, मायी बहुत, लोभी बहुत, २१. क्रोधी बहुत, मायी एक, लोभी एक, २२. rat बहुत मायी एक, लोभी बहुत, २३. क्रोधी बहुत, मायी बहुत, लोभी एक २४. क्रोधी बहुत, मायी बहुत, लोभी बहुत, २५. मानी एक, मायी एक, लोभी एक, २६. मानी एक, मायी एक, लोभी बहुत, २७. मानी एक, मायी बहुत, लोभी एक, २८. मानी एक, माय बहुत, लोभी बहुत, २९. मानी बहुत, मायी एक, लोभी एक, ३०. मानी बहुत, मी एक, लोभी बहुत, ३१. मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी एक, ३२. मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी बहुत । चतु:संयोगी १६ मंग
१. क्रोधी एक, मानी एक, मायी एक, लोभी एक, २. क्रोधी एक, मानी एक, मायी एक, लोभी बहुत, ३. क्रोधी एक, मानी एक, मायी बहुत, लोभी एक, ४, क्रोधी, एक मानी एक, मायी बहुत, लोभी बहुत, ५ क्रोधी एक, मानी बहुत, मायी एक, लोभी एक, ६ . क्रोधी एक मानी बहुत, मायी एक, लोभी बहुत, ७. क्रोधी एक, मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी एक, ८. क्रोधी एक, मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी बहुत, ९. . क्रोधी बहुत, मानी एक, मायी एक, लोभी एक, १० क्रोधी बहुत, मानी एक, मायी एक, लोभी बहुत, ११. क्रोधी बहुत, मानी एक, मायी बहुत, लोभी एक, १२. क्रोधी बहुत, मानी एक, मायी बहुत, लोभी बहुत, १३. क्रोधी बहुत, मानी बहुत, मायी एक, लोभी एक, १४. क्रोधी बहुत, मानी बहुत, मायी एक, लोभी बहुत, १५. क्रोधी बहुत, मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी एक, १६. क्रोधी बहुत, मानी बहुत, मायी बहुत, लोभी बहुत ।
• जिन जिन स्थानों वाले नारक जीव शाश्वत मिलते हैं उनमें २७ भंग होते हैं । १ असंयोगी, ६ द्विक संयोगी, १२ त्रिक संयोगी, ८ चतुःसंयोगी, ये कुल २७ भंग होते हैं वे इस प्रकार हैं
असंयोगी १ नंग -
१ सब क्रोधी ।
द्विक संयोगी ६ मंग
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१. क्रोधी बहुत, मानी एक, २. क्रोधी बहुत, मानी बहुत, ३ क्रोधी बहुत, मायी एक, ४ क्रोधी बहुत, मायी बहुत, ५. क्रोधी बहुत, लोभी एक, ६. क्रोधी बहुत, लोभी बहुत ।
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