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१२ | जैन नीतिशास्त्र : एक परिशीलन
सज्जन कहता है....भला सभी का किया चाहता हूँ। स्वार्थी व बेईमान इसमें आगे यों जोड़ देता है....लेकिन शुरू अपने घर से किया चाहता हूँ।
जिस प्रकार नीति के तीन भेद हैं-नीति, अनीति और दुर्नीति; उसी प्रकार नीयत के भी तीन प्रकार हैं-भली नीयत, स्वार्थ सिद्ध करने वाली नीयत और बुरी नीयत । नीति और पॉलिसी (policy)
नीति, व्यावहारिक नीति अथवा मानव के व्यावहारिक कार्यकलापों के लिए अंग्रेजी का शब्द (policy) समकक्ष है । इसका अर्थ है-कार्य करने का तरीका (a course of action)। आदमी किस प्रकार का और कैसा कार्य करता है, यह उसकी नीति (policy) है ।
जैसे प्रसिद्ध लोकोक्ति हैHonesty is the best policy. (ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है।)
(policy) शब्द का एक अर्थ (written contract of insurance) भी होता है । इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग जीवन-बीमा-अथवा जनरल बीमा के सन्दर्भ में किया जाता है।
पॉलिसी (policy) शब्द का अधिकतर प्रयोग राजनैतिक जगत में होता है । जैसे-गृहनीति (home policy), विदेशनीति (foreign policy), वित्तनीति (finance policy) आदि-आदि ।
किन्तु आर्थिक क्षेत्र में भी इस शब्द का खुलकर प्रयोग होता है। जैसे किसी आर्थिक संस्थान, व्यापारिक संस्थान आदि के व्यापारिक तौरतरीकों को उस संस्थान की पॉलिसी (policy) कहा जाता है ।
यह बात सामाजिक संस्थाओं जादि के बारे में भी लागू होती है। सामान्यतया नीतिशास्त्र में नैतिक और नैतिकता के लिए moral and morality शब्द का प्रयोग होता है । किन्तु व्युत्पत्ति की दृष्टि से (moral) और (policy) शब्द में मूलभूत अन्तर है।
moral शब्द सामाजिक रीति-रिवाजों का द्योतक है । इसकी
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