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________________ नीतिशास्त्र की प्रणालियाँ और शैलियाँ (METHODS AND MANNERS OF ETHICS) प्रणालियाँ और शैलियाँ प्रणालियाँ किसी विषय के अध्ययन का तरीका (methods) है और शैली (Man ners) वक्ता के उस विषय का वर्णन करने का ढंग है। वक्ता अपनी रुचि के अनुसार अपने कथन को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करने हेतु अथवा कथन में प्रेषणीयता लाने के लिए विषय का वर्णन गद्य, पद्य, सूक्तियों, अन्योक्तियों आदि किसी भी रूप में कर सकता है, जबकि प्रणाली विषय-वस्तु का अध्ययन करने के लिए पाठक अथवा विचारक द्वारा प्रयुक्त होती है। यहाँ पहले हम नीतिशास्त्र की प्रणालियों-अध्ययन प्रणालियोंविषयवस्तु को समझने के तरीकों का वर्णन करेंगे और उसके बाद नीतिशास्त्र की शैलियों का। नीतिशास्त्र की प्रणालियां जैसाकि अध्याय ४ में किये गये विवेचन से स्पष्ट है-अधिकांशतः पाश्चात्य नीतिशास्त्रियों ने नीतिशास्त्र को विज्ञान-आदेशात्मक विज्ञान (Normative science) माना है और कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इसे दर्शनशास्त्र (Philosophy) से सम्बन्धित स्वीकार किया है। उक्त दो विचारधाराओं के अनुसार नीतिशास्त्र के अध्ययन की पद्धतियाँ भी दो प्रमुख विभागों में विभाजित हो गई:-(१) वैज्ञानिक . ( १३५ ) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004083
Book TitleJain Nitishastra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1988
Total Pages556
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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