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जैन नोति शास्त्र : एक अनुशीलन उदार सहयोग दाता परिचय
स्व धर्मानुरागिनी वीलमबाई कोठारी
नारी एक महान शक्ति है । नर की अपेक्षा नारी में करुणा, स्नेह, सद्भावनाएँ अधिक मात्रा में होती हैं । वह सहिष्णुता की साक्षात् प्रतिमूर्ति है। वह नींव की ईंट के रूप में रहकर सदा पुरुषों को स्वर्णकलश की तरह चमकाती रही है । उसे कर्म करने में विश्वास है, नाम में नहीं । स्वर्गीय श्रीमती वीलम बाई ऐसी ही एक महाननारी थी। उनके जीवन के कण-कण में मन के अणु-अणु में तप, त्याग और सेवा की भावना सदा अठखेलियाँ करती थीं । उनके पूज्य पिताश्री का नाम देवराज जी सुराणा और मातेश्वरी का नाम सूरजकँवर था । माता-पिता के धार्मिक संस्कार आपको विरासत में प्राप्त हुए थे
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