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________________ of सदाचारी विद्वानों से द्वेष करने वालों का संग मत करो। है, उससे अधिक दूसरे लोग कभी भी नहीं कर सकते। यदि हम स्वयं ही दीन, कंगाल मनुष्य अथवा क्षुद्र जीवजन्तु के समान जीवन व्यतीत करेंगे तो हमें महावीर के समान प्रचण्ड पराक्रमी अथवा महान् होने की आशा कदापि न रखनी चाहिए। कारीगर वैसी ही मूर्ति. तैयार कर सकता है जैसा कि उसके सामने नमूना होता है। . यदि मैं स्वयं ही अपनी शक्ति को उपयोग करना नहीं जानता तो मुझ में प्रबल शक्ति होते हुए भी मुझे अपना जीवन साधारण कार्य करने में ही व्यतीत करना पड़ेगा। जिन लोगों को अपनी शक्ति की बहुत थोड़ी खबर होती है। वे अनन्त बलवान होते हुए भी निर्माल्य जीवन व्यतीत करते हैं। यदि मैं अपने आपको इनके समान क्षुद्र प्राणी समझूगा तो अवश्य ही वीरों के पैर मेरे सीने पर होंगे और मैं उनके पैरों तले कुचला जाऊंगा। यदि मैं आत्म-श्रद्धा, दृढ़ निश्चय, और सफलता की आशा भरी भावना से कार्य प्रारम्भ करूगा तो मेरी आत्म-शक्ति विकसित होगी और लोग अपने आप ही मेरी तरफ खिंचे चले आयेंगे । - काम चाहे छोटे ही क्यों न हों यदि मैं उन्हें अच्छी तरह से करूंगा तो उनसे मुझमें ऊंचे दर्जे के काम करने की योग्यता आयेगी। श्रद्धा श्रद्धा को पैदा करती है। काम को काम सिखाता है। उत्साह से उत्साह बढ़ता है। ऐसी छोटी-छोटी सफलताओं से मेरी आत्म-श्रद्धा और शक्ति बढ़ती है यह मेरी दृढ़ मान्यता है कि इस आत्म श्रद्धा में से उत्पन्न हुई मेरी हिम्मत सत्ता में रहे हुए अनन्तबल तक को बाहर खींच लायेगी। ___ भय, शंका और अश्रद्धा मैं अपने हृदय में से निकाल देता हूं और उनके स्थान पर निर्भयता, निश्चलता तथा वीरता को बिठाता हूं। इन्हीं से मैं महान कार्य कर सकूँगा । मन्द विचारों का फल भी मन्द होता है । विचार के अनुसार ही कार्य में भी सिद्धि होती है । श्रद्धा के अनुसार ही लाभ होता है जैसे अत्यन्त गरमी लोहे को भी गला देती है बिजली की प्रबल शक्ति कठिनतम हीरे को भी पिघला देती है । उसी प्रकार दृढ़ निश्चय और अजेय आशा से मैं अपने काम में सफलता लाभ करूंगा। यदि मेरा निश्चय ढीला Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004078
Book TitleSwaroday Vignan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1973
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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