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________________ हम सदा सुखी एवं शान्त मन से रहें। ३०१. डालूंगा। मुझमें अनन्त शक्ति है, इस भावना से मुझे कार्य करने का जो उत्साह मिलता है वह और किसी भी तरह से नहीं मिलता। इस आत्मअद्धा के प्रमाण अनुसार ही मैं कार्य कर सकता हूं। मैं अपनी शक्ति के विषय में किंचित मात्र भी संदेह नहीं करूंगा, मुझे तो इस विषय में थोड़ासा भी संदेह नहीं है। यदि मैं आत्मशक्ति में ही शंका करूगा तो कोई भी महत्व का कार्य मुझ से न हो सकेगा। मेरी आत्मश्रद्धा को-मैंने जो कुछ निश्चय किया है उस कार्य को पूरा कर डालने का मुझ में सामर्थ्य है मेरे इस विश्वास को जो डिगाने का प्रयत्न करता है उसे मैं अपना शत्रु समझता हूं, मुझे सबसे बड़ी हानि पहुंचाने वाला वही है । इस विश्व में वही लोग चमत्कार रूप माने जानेवाले महान् कार्यो को कर सकते हैं जो कि महान् आत्म-श्रद्धावाले और स्वयं हाथ में लिए हुए कार्यो को पूरा करने में दृढ़श्रद्धा संकल्प युक्त होते हैं। महान कार्यसिद्ध करने में मेरी महान् आशा, महान् आत्मश्रद्धा, तथा आग्रह पूर्वक उद्यम मेरे सहायक एवं वास्तविक मित्र मुझे पूर्ण विश्वास है कि, मनुष्य में महान् शक्ति, विशाल बुद्धि और ऊंची विद्या होते हुए भी यह उतना ही कार्य कर सकता है जितनी उसमें आत्मश्रद्धा होती है । किसी के कहने से अथवा विघ्न वाधाओं के आ जाने से मैं आत्म-श्रद्धा में न्यूनता नहीं आने दूंगा । कदाच मेरी सम्पत्ति नष्ट हो जाए, स्वास्थ्य बिगड़ जाए, कीर्ति कलंकित हो जाए तथा लोगों की श्रद्धा भी चाहे उठ जाए तो भी जब तक मुझे अपने पर दृढ़ विश्वास है वहां तक अपने उदय की मुझे आशा है। यदि मेरी आत्म-श्रद्धा अचल होगी तथा उस के बल से आगे बढ़ता ही जाऊंगा तो कभी न कभी इस जगत को मेरे लिए मार्ग करना ही पड़ेगा। मैं अपने आपको क्षुद्र समझकर कभी भी निर्बल नहीं बनाऊंगा । यह मुझे दृढ़ विश्वास है कि यदि मैं अपने आप को दूसरों के समान श्रेष्ठ और सबल न मान कर क्षुद्र और निर्बल प्राणी मानूंगा तो मेरा जीवन निर्बल और शक्तियां मन्द पड़े बिना न रहेंगी। मनुष्य स्वयं अपनी कीमत जितनी करता Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004078
Book TitleSwaroday Vignan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1973
Total Pages354
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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