________________
तीर्थंकर कालिन प्रभु प्रतिमाएँ
गुरु सुधर्मास्वमि द्वारा अंजनशलाका कीए हुए एवं कपिल केवली द्वारा
प्रतिष्ठीत श्री पार्श्वनाथजी (शिलालेख वि.सं.पूर्व ५०० का है)
શ્રી ભદ્રેશ્વર પાર્શ્વનાથ (ભદ્રેશ્વરજી)
गत चोवीसी में निर्मित विश्व कि सवसे प्राचिन प्रतिमा &
नेमनाथ प्रभुजी गिरनार (गुजरात)
श्री सच्चिया माता द्वारा निर्मित महावीर स्वामि (वि.सं.-पूर्वे ७०)
ओसियाजी (राजस्थान)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
Wyanmainaliorary.org/