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(१०) तीर्थंकर कालिन प्रभु प्रतिमाएँ
(भरत महाराजा की अंगुठी के मणी से
निर्मित प्राचिन प्रभुजी)
जीवीत स्वामि दीयाणा
(महावीरस्वामि कुलपाकजी)
अतिप्राचिन केशरियाजी
धुलेवा
| शंखेश्वर पार्श्वनाथ (गत चौविसी में निर्मित)
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