________________
(९) अन्यलींगी द्वारा प्रभु प्रतिमाजी की रक्षा
(जब मूर्ति विरोधिद्वारा मन्दिर तोडे जाने लगे . तब अन्य धर्मीने प्रभु रक्षाकी सं.७०० से ११००)
तिरुमला- तिरुपति यह जेन मंदिर है- एक सत्य
जैन गजट/ सोमवार, 29 जुलाई, 2013
क्या आप जानते हैं तिरुपति बालाजीएक जैन मंदिर है
जैन गजट/ सोमवार, 29 जुलाई, 2013
मूल में यह प्रतिमा तीर्थकर नेमिनाथ की जिसको सब तरफ से अत्यन्त भव्य बेमोल जडजवाहिर हीरे रत्नों से पूरी तरह से ढंक दिया है। रवीं शताब्दी की यह नेमिनाथ की
प्रतिमा मूल रूप इस चित्र के 15 अनुरुप है। प्रेषक- भरत कुमार काला, मुम्बई
कृष्णराव एस टी. कहते हैं- मैं एक हिंदू इतिहासकार हूँ। मैंने 'बुखारिया संधि' के नाम से एक प्राचीन आलेख (इस्क्रिप्सन) पढ़ा। यह आलेख-दस्तावेज (इस्क्रिप्सन) बेंगलोर की सेंट्रल लायब्रेरी, पुरातत्व संभाग कर्नाटक में उपलब्ध है। १४ वीं शताब्दी में जैनों और वैष्णवों में एक संथि हुई थी कि जैनों को तिरुमलाई (तिरुपति) के नेमिनाथ जैन मंदिर को वैष्णो को सौंप देना होगा और वैष्णव श्रवणबेलगोला के बाहुबली प्रतिमा (स्टेच्यु) को नष्ट नहीं करेंगे। अन्यथा बुखारिया राजा विजयनगर राज्य के स्थापनकर्ताओं में से एक है। उसके राज्य के सभी जैनों को दंडित कर देगा...
___- अनुवादक भरत कुमार काला, मुम्बई अंग्रेजी का मूल (वेबसाईट और एस.एम.एस. से प्राप्त आधार पर)
प्राचिन प्रतिमाए
d
atiozainternaconal
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org